Sunday 1 March 2015

प्रकाश के नन्हे प्रहरी

ए प्रकाश के नन्हे नन्हे प्रहरी
तुम भू मंडल पर छा जाओ
आलोकित कर दसों दिशायें
गहन तिमिर को हर जाओ
ज्योतिरूप ये पंख रुपहले
धन सुख भर दें हर आँगन
नित प्रेम बढे दुःख बैर मिटे
हो स्वर्ग सरीखा जग पावन
सजल नयन की छीन आद्रता
अधरों पर स्मित दे जाओ
भ्रमजाल मिटा अवसादों के
आशा की किरणें दे जाओ
ज्योतिपर्व की जोत अलौकिक
अवनि पर अमृत बरसाए
निज कर्मलीन हर प्राणी हो
प्रमुदित होकर हर मन गाये
द्वेष भाव का अन्धकार हर
नित प्रेम उजाला दे जाओ
मन से मन का दीप जलाकर
हर दामन खुशियाँ भर जाओ
आलोकित हों दसों दिशायें
गहन तिमिर को हर जाओ
ओ प्रकाश के नन्हे नन्हे प्रहरी
तुम भूमंडल पर छा जाओ
-----प्रियंका

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