Sunday 1 March 2015

जय माता दी

संकटतारिणि भवभयहारिणि दुःख निवारिणि जय माते
कष्ट निवारिणि कलिमल तारिणि पाप निवारिणि जय माते
खप्पर धारिणि दुष्ट संहारिणि सेवक तारिणि जय माते
जय जय हे महिषासुर मर्दिनि शुम्भ विदारिणि जय माते
शतरविलज्जित कुंकुमसज्जित मुखकमल निहारूं जय माते
झन झन झिंझिम झंकृत नुपुर पदकमल पखारूँ जय माते
कलिमलकल्मष कष्ट कलंक कुविचार कुसंग निवारुं जय माते
जय जय हे महिषासुर मर्दिनि शुम्भ वीदारिणी जय माते -----प्रियंका

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