Sunday 1 March 2015

जब भक्त रूठा

श्रद्धा सुमन कुछ मन में लिए
कुछ दीप आस्था के लिए
कुछ हाथ सम्मुख तुम्हारे जुडे
कुछ शीश चरणों में झुके
प्रबल डोर भक्ति की है
संबल तुम्हारी शक्ति की है
हर घडी तुम्हारा साथ है
शीश पर तुम्हारा हाथ है
विश्वास नहीं तोडना प्रभु
भंवर में मत छोडना प्रभु
सूखे पुष्प फिर न खिलेंगे
बुझे दीप फिर न जलेंगे
धागा अगर आस्था का टूटा
कैसे मनाओगे भगवान जब भक्त रूठा
............प्रियंका

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