Sunday 1 March 2015

ओम साईं राम

हे बाबा मेरे साईं तुम
मेरा भी वंदन ले लेना
श्रद्धा के अर्पित फूल प्रभु
भावों का चन्दन ले लेना
है ज्ञान नहीं अज्ञान सही
तुम अज्ञानी ही रहने दो
वेदों छंदों की माया तज
भावों की सरिता बहने दो
मन दर्पण को पावन कर दो
सारे भव बंधन ले लेना
श्रद्धा के अर्पित फूल प्रभु
भावों का चन्दन ले लेना
हीरे मोती और मंदिर की
तुमको कब कोई चाह रही
निर्विकार औ निस्पृह हो
भक्ति की केवल राह रही
मत रहना तुम देवालय में
मन का अभिनन्दन ले लेना
श्रद्धा के अर्पित फूल प्रभु
भावों का चन्दन ले लेना
-----प्रियंका

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