Sunday 1 March 2015

ज़िन्दगी

यही है ज़िन्दगी.....
उम्मीद की पतली सी लकीर
घने बादल के बीच से मुस्कुराती
छोटी सी किरण
निराशा को मुंह चिढाती
छोटी सी आशा
कुछ सपने,कुछ उम्मीदें
और.....
रफ़्तार ज़िन्दगी की
-----प्रियंका

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