Sunday 1 March 2015

टूट कर बिखर गए हैं कुछ पीले पत्ते तुम्हारी यादों के
बहुत कोशिश की सहेज कर रख लूं उन्हें पर...........
वक्त की तेज हवा उन्हें ले ही गई दूर मुझसे
धीरे धीरे निगाहों से ओझल होते देखती रही बस
तुम ही तो कहते थे.....
दुनिया में हमेशा के लिए कुछ भी नहीं रहता........
मालूम है मुझको भी....
पर मेरे जीवन का ये पेड आज भी इंतजार में है
तुम्हारी यादों की नई कोंपलों की
ठूंठ खडा सोचता है कि तुम्हारे आने की नई बहारों के साथ
खिलेंगे कुछ उजले फूल इन पर भी कभी.
बीत जाएगा उदासी से भरा ये पतझड़ भी
मुझे बस यकीन है तुम्हारी बातों पर...........
दुनिया में हमेशा के लिए कुछ भी नहीं रहता.................
--------------प्रियंका

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